Karnataka Assembly Elections Dr Yathindra Siddaramaiah Into Politics With Cong Ticket - विधानसभा क्षेत्र पहुंचे सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र, माला और फूल से नहीं शिकायतों से हुआ स्वागत
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक हफ्ते से भी कम दिन बचा है। चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवार अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंच रहे हैं और उन्हें मतदाताओं के कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे वरुणा विधानसभा क्षेत्र के रंगासमुद्र गांव चुनाव प्रचार के लिए और उनका स्वागत माला या फूलों से नहीं बल्कि शिकायतों से हुआ।
जैसे ही यतीन्द्र प्रचार के लिए गांव पहुंचे एक महिला सामने आई और उसने शिकायतों की झड़ी लगा दी। यतींद्र चुंकि पेशे से डॉक्टर हैं उन्होंने भी बहुत ही सधी आवाज में मुस्कुराते हुए हर काम किए जाने का आश्वासन दिया। महिला ने मुख्यमंत्री के बेटे से कहा कि मैं हमेशा से वोट आपके पिता को देती रही हूं लेकिन आप मुझे ये बताइए कि हमारे लिए आज तक कुछ क्यों नहीं किया गया।
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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Updated Thu, 03 May 2018 11:04 AM IST
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक हफ्ते से भी कम दिन बचा है। चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवार अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंच रहे हैं और उन्हें मतदाताओं के कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे वरुणा विधानसभा क्षेत्र के रंगासमुद्र गांव चुनाव प्रचार के लिए और उनका स्वागत माला या फूलों से नहीं बल्कि शिकायतों से हुआ।
जैसे ही यतीन्द्र प्रचार के लिए गांव पहुंचे एक महिला सामने आई और उसने शिकायतों की झड़ी लगा दी। यतींद्र चुंकि पेशे से डॉक्टर हैं उन्होंने भी बहुत ही सधी आवाज में मुस्कुराते हुए हर काम किए जाने का आश्वासन दिया। महिला ने मुख्यमंत्री के बेटे से कहा कि मैं हमेशा से वोट आपके पिता को देती रही हूं लेकिन आप मुझे ये बताइए कि हमारे लिए आज तक कुछ क्यों नहीं किया गया।
मैंने लोन लिया लेकिन मुझे आज तक मिला नहीं जबकि गांव में कई लोगों को मिला। बता दें कि यतींद्र 37 साल के हैं और वह अपने बड़े भाई राकेश की 2016 में हुई मृत्यु के बाद इस चुनावी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। पिछले पचास सालों से चल रही सिद्धारमैया की विरासत अब यतींद्र के कंधों पर आ चुकी है। अपने पिता की विरासत को यतींद्र बखूबी निभाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस अपने नए उम्मीदवार को इस क्षेत्र से लड़ाने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि सिद्धारमैा खुद इस क्षेत्र से कभी नहीं हारे हैं।
कर्नाटक चुनाव में वरुणा सीट एक समय में बहुत ही महत्वपूर्ण सीट थी
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